CGSB News | भ्रष्टाचार = राष्ट्रद्रोह
आज देशभर में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम, स्नेह, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। हर वर्ष यह श्रावण मास की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
📅 रक्षाबंधन की शुभ तिथि
श्रावण पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 08 अगस्त 2025, दोपहर 2:12 बजे
श्रावण पूर्णिमा तिथि समाप्त: 09 अगस्त 2025, दोपहर 1:24 बजे
उदया तिथि के अनुसार रक्षाबंधन आज, 9 अगस्त को मनाया जा रहा है।
⏰ शुभ मुहूर्त
इस वर्ष भद्रा और पंचक का साया नहीं रहेगा, इसलिए दिनभर राखी बांधी जा सकती है।
मुख्य मुहूर्त: सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक (7 घंटे 37 मिनट)
अतिरिक्त शुभ मुहूर्त:
सुबह से 9:00 बजे तक
दोपहर 1:30 बजे से 4:30 बजे तक
शाम 6:00 बजे से 7:30 बजे तक
☀ राहुकाल का समय
सुबह 9:07 बजे से 10:47 बजे तक राहुकाल रहेगा।
इस दौरान राखी बांधने या किसी भी शुभ कार्य से बचें।
🕉 भद्रा कौन है और क्यों मानी जाती है अशुभ?
पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य और पत्नी छाया की पुत्री तथा भगवान शनि की बहन हैं। दैत्यों का संहार करने के लिए भद्रा का जन्म हुआ था, जिनका स्वरूप गर्दभमुख, लंबी पूंछ और तीन पैरों वाला बताया गया है।
भद्राकाल में विवाह, यात्रा या रक्षा सूत्र बांधना वर्जित है।
भद्रा का वास चंद्रमा की स्थिति से तय होता है:
पृथ्वीलोक में: कर्क, सिंह, कुंभ, मीन राशि में चंद्रमा होने पर
स्वर्गलोक में: मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक राशि में
पाताललोक में: कन्या, तुला, धनु, मकर राशि में
इस वर्ष रक्षाबंधन पर भद्रा का वास कहीं नहीं है, इसलिए यह पूरे दिन शुभ है।
🙏 राखी बांधने की विधि
शुभ मुहूर्त से पहले रक्षा बंधन की थाली तैयार करें — कुमकुम, चावल, मिठाई, राखी, पानी से भरा लोटा और नारियल रखें।
भाई और बहन आसन पर आमने-सामने बैठें।
बहन, भाई के माथे पर तिलक लगाए, दाहिने हाथ की कलाई में राखी बांधे, और भाई के हाथ में नारियल रखे।
राखी बांधते समय यह मंत्र पढ़ें:
“येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥”अर्थ: जिस पवित्र सूत्र से राजा बलि को बांधा गया था, उसी से मैं तुम्हें बांध रही हूँ। हे रक्षा सूत्र! तुम स्थिर रहो, ढीले न हो।
मिठाई खिलाकर उपहार दें, और भाई बहन के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
📌 महत्वपूर्ण निर्देश
राखी बांधते समय भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
भाई का सिर रुमाल या कपड़े से ढका होना चाहिए।
राखी हमेशा दाहिने हाथ की कलाई में बांधना शुभ माना जाता है।
इस बार का रक्षाबंधन विशेष है क्योंकि भद्रा का साया नहीं है, इसलिए शुभ मुहूर्त में दिनभर राखी बांधी जा सकती है।