CGSB News Desk | लेह / श्रीनगर | 27 सितम्बर 2025
लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग के बीच हुए प्रदर्शनों के बाद केंद्र ने प्रमुख कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार कर राजस्थान के जोधपुर जेल में भेज दिया है। लेह में पिछले दिनों हुए हिंसक झड़पों में चार लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए हैं — घटनाक्रम ने क्षेत्रीय तनाव बढ़ा दिया है।
लद्दाख का संदर्भ
लद्दाख, जिसकी जनसंख्या लगभग 3 लाख है, चीन और पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाके में स्थित है और सामरिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। लेह क्षेत्र बौद्ध-बहुल है और दशकों से अलग पहचान की माँग रही है; वहीं करगिल मुस्लिम-बहुल जिला ऐतिहासिक रूप से कश्मीर के साथ जुड़ने की बात करता रहा है। 2019 के बाद दोनों समुदायों ने राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा की साझा माँग रखी है — ताकि ज़मीन और नौकरियों में स्थानीय आरक्षण सुनिश्चित हो सके।
बुधवार की हिंसा — क्या हुआ?
कुछ महीनों से चल रहे अनियमित प्रदर्शन बुधवार को हिंसक हो उठे। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में पुलिस फायरिंग और आंसू गैस का इस्तेमाल हुआ। सरकारी और मीडिया सूचनाओं के अनुसार:
- चार लोगों की मौत हुई और लगभग 50 लोग घायल हुए।
- प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय भाजपा कार्यालय पर हमला कर भवन में आग लगा दी और एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया।
- कम से कम 30 पुलिसकर्मियों के घायल होने की रिपोर्ट है।
केंद्र के गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि वांगचुक ने “अरब स्प्रिंग-शैली” और नेपाल के Gen-Z आंदोलनों का जिक्र कर जनता में भड़का देने वाले बयान दिए। मंत्रालय का कहना है कि “स्वरक्षा में पुलिस को गोली चलानी पड़ी, जिसमें दुर्भाग्यवश कुछ हताहत हुए।”
सोनम वांगचुक का रुख
प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता वांगचुक, जो शिक्षा और जलवायु मुद्दों के लिए भी जाने जाते हैं, 12 सितंबर से भूख हड़ताल पर थे। हिंसा के बाद उन्होंने उपवास समाप्त कर शांति की अपील की और कहा कि हिंसा “हमारे उद्देश्य को कमजोर करती है”। वांगचुक ने अपनी भूमिका से इनकार करते हुए बताया कि क्षेत्र के युवा लंबे समय से बेरोज़गार और हताश हैं, वे इसी हताशा के कारण सड़कों पर उतरे।
वांगचुक ने कहा: “सरकार मुझे पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत जेल में डालना चाहती है — मैं तैयार हूँ — पर जेल में सोनम वांगचुक आज़ाद सोनम वांगचुक से भी ज़्यादा समस्याएँ खड़ी कर सकता है।”
सरकारी कार्रवाई और संस्थानों पर शिकंजा
वांगचुक की गिरफ्तारी से पहले केंद्र ने उनके संस्थान SECMOL का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया और उनके द्वारा संचालित HIAL (Himalayan Institute of Alternatives, Ladakh) की जांच के लिए CBI को निर्देश दिए गए। अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि वार्ता में “कुछ राजनीतिक तत्व” प्रगति से नाखुश थे और माहौल बिगाड़ रहे थे।
स्थानीय नेतृत्व और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
एपेक्स बॉडी लेह (ABL) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने वांगचुक का समर्थन किया और हिंसा को आंदोलन का हिस्सा नहीं माना। ABL के सह-अध्यक्ष छेरिंग दोरजे लकरूक ने कहा कि युवा हिंसा के खिलाफ हैं, पर सरकार की देरी और बेरोज़गारी ने गुस्सा बढ़ा दिया।
अन्य राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ:
- ओमर अब्दुल्ला — गिरफ्तारी को “दुर्भाग्यपूर्ण” कहा और केंद्र पर अधूरे वादों का आरोप लगाया।
- महबूबा मुफ्ती — इसे लोकतंत्र के लिए चिंताजनक करार दिया और कहा कि अहिंसा के समर्थक को दंडित किया जा रहा है।
सुरक्षा परिदृश्य और सीमाई तनाव
लद्दाख में बड़े पैमाने पर सैन्य तैनाती रहती है और यह चीन के साथ विवादित क्षेत्रों के नज़दीक है। 2020 में गलवान घाटी झड़प में भारतीय और चीनी सैनिकों की जान गई थी — इसी भूगोलिक संवेदनशीलता के कारण हाल के घटनाक्रम को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से भी देखा जा रहा है। उप-राज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा है कि हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है और कुछ घटनाओं में साजिश के तत्व दिखते हैं।
एफआईआर, गिरफ्तारी और आगे की वार्ता
पुलिस ने बुधवार की घटनाओं पर कुल 4 एफआईआर दर्ज की हैं — तीन में स्थानीय पार्षदों का नाम है और एक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज है। अब तक करीब 39 युवाओं को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
केंद्र की ओर से नियुक्त समिति और स्थानीय प्रतिनिधि बातचीत जारी रखेंगे। ABL ने बताया कि वे शोक-सभाओं के कारण कुछ अनौपचारिक बैठकों में शामिल नहीं होंगे, पर 6 अक्टूबर को प्रस्तावित औपचारिक चर्चा में प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
क्या आगे होगा?
लेह में फिलहाल कर्फ्यू जारी है और माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। वांगचुक की एनएसए में गिरफ्तारी और संगठनों के ऊपर सरकारी कार्रवाई से आंदोलन में उबाल आ सकता है। केंद्र और स्थानीय नेतृत्व के बीच आगे की बातचीत तथा न्यायिक/नैतिक जवाबदेही (जाँच/फरमायी कार्रवाई) इस संकट के परिणाम तय करेगी।