बिलासपुर। जिले में राशन कार्ड सत्यापन के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। खाद्य विभाग ने 21,992 राशन कार्ड को संदिग्ध घोषित किया है। इनमें से कई कार्डधारी पिछले एक साल से राशन नहीं ले रहे हैं, जबकि कुछ हितग्राहियों की उम्र दस्तावेज़ों में 110 से 115 साल तक दर्ज पाई गई है।
जिला खाद्य अधिकारी अमृत कुजुर ने बताया कि सत्यापन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शासन की योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे।
चौंकाने वाले तथ्य
14,464 कार्डधारी ऐसे हैं जिन्होंने 6 से 12 महीनों से राशन नहीं लिया।
153 कार्डों में लाभार्थियों की उम्र 100 वर्ष से अधिक पाई गई।
कई कार्डों में एक ही आधार नंबर से दो-दो राशन कार्ड जारी पाए गए।
निष्क्रिय आधार पर भी कार्ड जारी किए गए हैं।
क्या चल रहा है फर्जीवाड़ा?
विभाग को आशंका है कि कहीं मृत व्यक्तियों, निवास स्थान बदल चुके लोगों, या डुप्लीकेट पहचान के ज़रिए लाभ तो नहीं उठाया जा रहा।
इस आशंका को मजबूत करता है यह तथ्य कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में कार्डधारी लंबे समय से राशन नहीं ले रहे।
अब तक की कार्रवाई
2,177 कार्डों की जांच पूरी हो चुकी है।
इनमें कुछ कार्ड रद्द, तो कुछ में संशोधन कर पात्रता बरकरार रखी गई है।
शेष 19,815 कार्डों की जांच जारी है।
वार्डवार और घर-घर सत्यापन
खाद्य विभाग ने वार्डवार और घर-घर जाकर सत्यापन शुरू कर दिया है। जहां संदेह है, वहां लाभार्थियों से दस्तावेज़ मांगे जा रहे हैं।
CGSB News की टिप्पणी:
क्या यह मामला एक और “राशन कार्ड घोटाले” का संकेत है?
अगर हज़ारों कार्ड फर्जी निकले, तो यह सिर्फ लापरवाही नहीं बल्कि व्यवस्थित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
अब सवाल यह है कि क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी या फिर यह जांच भी पिछली कई जांचों की तरह कागज़ों तक ही सीमित रह जाएगी?