महासमुंद, 1 अगस्त 2025 | संवाददाता – मृत्युंजय चंद्राकर
महासमुंद जिले के बरबसपुर, घोड़ारी, बड़गांव और बिरकोनी गांवों में अवैध रूप से भंडारित रेत पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे जब्त कर लिया है। अब इस जब्त रेत की सार्वजनिक नीलामी की बोली प्रक्रिया 7 अगस्त 2025 से शुरू की जाएगी। यह निर्णय जिला खनिज शाखा द्वारा लिया गया है।
प्रशासनिक कार्रवाई का ब्यौरा:
जिला कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देश पर खनिज विभाग की संयुक्त टीम ने इन चारों गांवों में निरीक्षण कर सरकारी और निजी भूमि पर अवैध रूप से एकत्र की गई रेत को सील कर दिया।
पूर्व में बरबसपुर में हुई कार्रवाई में प्रशासन ने 43 निजी ज़मीन मालिकों पर ₹54 लाख का जुर्माना और सरकारी भूमि पर भंडारित रेत पर ₹1.64 करोड़ का अर्थदंड लगाया था। यह सारा माल अब नीलामी प्रक्रिया के तहत खुले आम बेचा जाएगा।
अवैध परिवहन पर निगरानी:
अवैध रेत निकासी पर अंकुश लगाने के लिए बिरकोनी–बरबसपुर मार्ग पर एक अस्थायी खनिज जांच चौकी स्थापित की गई है। यहां तीन पालियों में नगर सैनिकों की तैनाती कर दी गई है। कोई भी वाहन जब्त रेत को बिना अनुमति ले जाने की कोशिश करता है, तो उस पर खनिज अधिनियम 1957 की धारा 21 के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी, जिसमें 2 से 5 वर्ष की सजा का प्रावधान है।
CGSB NEWS की विशेष टिप्पणी:
CGSB NEWS लगातार अवैध खनन और प्रशासनिक मिलीभगत के खिलाफ आवाज़ उठाता रहा है। इस कार्रवाई को हम जनता की जीत मानते हैं — मगर सवाल यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में रेत कई महीनों तक बिना रोक-टोक जमा कैसे होती रही? क्या इसमें लोकल सिस्टम की चुप्पी या हिस्सेदारी थी?
CGSB NEWS आपसे सवाल करता है:
क्या ये पहली और आखिरी कार्रवाई होगी?
अवैध खनन में शामिल असली जिम्मेदारों पर क्या कभी कठोर कार्रवाई होगी?
जब तक रेत जैसे संसाधनों की लूट पर सियासी चुप्पी रहेगी, तब तक क्या नीलामी से न्याय संभव है?
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