महासमुंद, छत्तीसगढ़ – महासमुंद जिले के तुमगांव स्थित नवजीवन अस्पताल में लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है। उल्टी-दस्त और हल्के बुखार से पीड़ित छह वर्षीय बच्ची की दवाओं के ओवरडोज से मौत हो गई। घटना के बाद अस्पताल में सन्नाटा छा गया, और डॉक्टरों सहित पूरा स्टाफ गायब हो गया। बच्ची का शव कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, जिससे सच्चाई का पता चल सके।
घटना का विवरण:
तुमगांव नगर पंचायत के वार्ड आठ के निवासी नेतराम धीवर अपनी बेटी अंकिता धीवर को दस्त और हल्के बुखार के कारण तुमगांव-महासमुंद चौक स्थित नवजीवन अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टर की गैर-मौजूदगी में स्टाफ ने बच्ची का इलाज शुरू किया, जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह बेचैन हो गई। इलाज के दौरान उसे एमिकासिन 250, पीसीएम और वोन्डम जैसे दवाएं दी गईं, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई।
जब स्थिति बिगड़ने लगी, तो स्टाफ ने बच्ची को सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, और बच्ची की मौत हो गई।
अस्पताल प्रबंधन पर सवाल:
घटना के बाद अस्पताल के एमडी डॉ. शिवम पांडेय ने स्वीकार किया कि इलाज में लापरवाही हुई है। इसके बाद से अस्पताल का पूरा स्टाफ गायब हो गया। बच्ची के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया:
इस घटना से स्थानीय समुदाय में रोष है। नगर पंचायत उपाध्यक्ष पप्पू कुमार पटेल ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
निजी अस्पतालों की स्थिति पर सवाल:
इस घटना ने जिले में mushrooming हो रहे निजी अस्पतालों की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं, जहां कई अस्पताल बिना उचित मानदंडों के चल रहे हैं। अक्सर, प्रशिक्षित स्टाफ की कमी के कारण मरीजों की जान खतरे में पड़ जाती है।
इस मामले में आगे की जांच जारी है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सच्चाई का खुलासा हो सकेगा।