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झोलाछाप डॉक्टर कर रहा था कैंसर, टीबी का इलाज, नशे और गर्भपात की गोलियों के साथ पकड़ा गया।

झोलाछाप डॉक्टर कर रहा था, कैंसर, टीबी का इलाज, नशे और गर्भपात की गोलियों के साथ पकड़ायारायपुर: छत्तीसगढ़ में झोलाछाप डॉक्टरों की गतिविधियां चिंता का विषय बनती जा रही हैं। ये बिना किसी लाइसेंस या योग्यता के गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है। ऐसी ही एक शिकायत के आधार पर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने आरंग के नरदहा गांव में स्थित ‘लाइफ केयर क्लीनिक’ पर छापा मारा। इस क्लीनिक को नीलकमल साहू नामक झोलाछाप डॉक्टर संचालित कर रहा था। छापे के दौरान, टीम ने भारी मात्रा में अवैध औषधियां बरामद कीं, जिनमें कैंसर, टीबी की दवाएं, नशे और गर्भपात की गोलियां शामिल थीं।

मुख्य बिंदु:

  • बिना लाइसेंस गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहे हैं झोलाछाप डॉक्टर।
  • आरंग के नरदहा गांव में ‘लाइफ केयर क्लीनिक’ से अवैध दवाएं बरामद।
  • बिना लाइसेंस दवा बेचने पर मेडिकल स्टोर्स पर भी कार्रवाई होगी।

लाइफ केयर क्लीनिक पर छापा

राजधानी रायपुर से प्राप्त शिकायतों के आधार पर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने आरंग के नरदहा गांव में स्थित ‘लाइफ केयर क्लीनिक’ पर छापा मारा। यह क्लीनिक नीलकमल साहू द्वारा संचालित किया जा रहा था, जो बिना किसी वैध लाइसेंस के कैंसर और टीबी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज कर रहा था। छापे के दौरान, टीम ने 77 प्रकार की अवैध दवाएं जब्त कीं, जिनका बाजार मूल्य लगभग 1.5 लाख रुपये आंका गया है।

अवैध दवाओं की बरामदगी

आरोपी नीलकमल साहू ने पूछताछ में बताया कि उसने ये दवाएं रायपुर में स्थित विभिन्न मेडिकल एजेंसियों से खरीदी थीं। टीम ने मौके से खरीदी बिल, लेनदेन से संबंधित रजिस्टर और डायरी भी बरामद की। छापे में शामिल सहायक नियंत्रक डॉ. बसंत कौशिक ने बताया कि इन दस्तावेजों के आधार पर संबंधित मेडिकल स्टोर्स पर भी कार्रवाई की जाएगी।

कैंसर, टीबी और नशे की दवाएं बरामद

जांच में यह भी सामने आया कि झोलाछाप डॉक्टर बिना औषधि ड्रग लाइसेंस के गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाले पोटेंट एंटीबायोटिक, नशे की गोलियां और गर्भपात कराने वाली गोलियां एमआर और मेडिकल एजेंसियों से अवैध रूप से खरीदकर मरीजों को दे रहा था। जब्त की गई दवाओं को न्यायालय के सुपुर्द कर दिया गया है, और मामले की पूर्ण विवेचना के बाद कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।

कानूनी कार्रवाई और सजा का प्रावधान

इस कार्रवाई के दौरान जब्त किए गए दवाओं को लेकर नीलकमल साहू के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। बिना वैध लाइसेंस के दवा संग्रहण और बिक्री करने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही अन्य झोलाछाप डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

यह घटना राज्य में झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ती संख्या और उनकी अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण की आवश्यकता को दर्शाती है। स्वास्थ्य प्रशासन को इस दिशा में सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि मरीजों की जान से खिलवाड़ न हो सके।

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